History of Telephone | टेलीफोन का आविष्कार किस ने किया था। Biograpy of Alexander graham bell in hindi
History of Telephone | जाने टेलीफोन का आविष्कार किसने किया This Article is about invention of Telephone
by various scientists and engineers, and also about Alexander graham bell
दोस्तों
आज हम इस Article के
जरिए टेलीफोन के अविष्कार का इतिहास जानने की कोशिश करेंगे जिसके अविष्कार के बाद
दुनिया में संचार का एक नया अध्याय लिखा गया।
शायद
आप जानते ही होंगे कि टेलीफोन का आविष्कार अलेक्जेन्डर ग्राहम बेल ने किया था।
आपको
बता दें की उन्नीसवी सदी की शुरुआत में ही कई वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स ने ध्वनी संचार
पर काम करना शुरू कर दिया था।
पर
असल सफलता
03/03/1847 (तीन
मार्च अठारह सौ सैंतालीस) को स्कॉटलैंड में जन्मे अलेक्जेन्डर
ग्राहम बेल (Alexander Graham
Bell) को मिली थी।
आपको
बता दें कि किसी भी आविष्कार में किसी एक व्यक्ति का योगदान बताना शायद गलत होगा।
टेलीफोन
के अविष्कार का इतिहास भी बहुत ही लंबा और पेचीदा रहा है।
टेलीफोन
के अविष्कार के इतिहास में जिन इंजीनियर्स का योगदान माना जाता है वो है Antonio Meucci, Elisha Gray और Alexander Graham Bell हालांकि
इन तीनों में से टेलीफोन का पहला आविष्कार किसने किया था ये आज भी कॉम्प्लीकेटेड
है।
लेकिन 07/03/76 (सात
मार्च अठारह सौ छिहत्तर) को ग्राहम बेल को टेलीफोन का पेटेंट
मिल गया था ! इसलिए उन्हें ही टेलीफोन का असल अविष्कारक माना
जाता है।
इन
तीनों से पहले भी कई खोजकर्ता और इंजीनियर्स ने ध्वनि संचार पर काम करना शुरू किया
था।
सन्
1667 (सोलह सौ सडसठ)
में रॉबर्ट हुक ने स्ट्रिंग टेलीफोन का निर्माण किया! जिसमें साउंड वेव्स रिंग के मैकेनिकल वाइब्रेशन
से एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर होती हैं।
बच्चे
आज भी इनके दो डिब्बों को वायर से जोडकर एक दूसरे से टेलीफोन टेलीफोन खेलते हैं।
रॉबर्ट
हुक्क टेलीफोन भी इसी सिद्धांत पर आधारित था।
1816 (अठारह
सौ सोलह) में francis
ronlds ने stock city यूज करके दुनिया का पहला वर्किंग टेलीग्राम
बनाया था जिससे कि लंबी दूरी तक संदेश भेजा जा सकता था।
पर
इस की समस्या ये थी कि इससे मैसेज कोडिड फॉर्म में ही भेजा जा सकता था वो भी एक
बार मैं, सिर्फ एक !
1861 (अठारह
सौ इकसठ) में जर्मनी के एक इंजीनियर जोहन फ्लिप ने ध्वनी
के संचालन के लिए पहला वर्क डिवाइस बनाया और उसे टेलीफोन नाम दे दिया।
उन्होंने
फ्रांस के chals ronlds थ्योरी
पर काम करते हुए टेलीफोन का निर्माण किया था। चाल्स का मानना था की इलेक्ट्रिसिटी
की मदद से साउंड स्पीच को ट्रांसफर किया जा सकता है।
पर
जॉन के इस टेलीफोन में कई कमियां थी। इसमें सिर्फ एक ही तरह से संदेश को भेजा जा
सकता था और उसकी साम क्वॉलिटी भी बहुत अच्छी नहीं थी।
जिस
वजह से उनके अविष्कार को कोई खास पहचान नहीं मिल सकी।
सन 1860 में जन्मे इटली के खोजकर्ता एंटोनियो ने भी 1871 (अठारह सौ इकहत्तर) में एक टेलीफोन बनाया जिससे उन्होंने साउंड
टेलीग्राफ का नाम दिया।
उन्होंने
उसका पेटेंट कराना चाहते पर उनके इस अविष्कार को दूनिया के लिए फायदेमंद
नहीं समझा गया और उनके पेटेंट को रिजेक्ट कर दिया गया।
अलेक्जेन्डर
ग्राहम बेल को धोनी विज्ञान में शुरुआत से ही रूचि थी क्योंकि उनकी माँ और बीवी
दोनों ही बाहरी थी और इसीलिए उन्हें ध्वनि पर काम करना हमेशा ही प्रेरित करता था।
ग्राहम
बेल ने 1871 (अठारह
सौ इकहत्तर) में टेलीफोन पर काम करना शुरू किया था।
उन्होंने
इस कार्य के लिए एक सहायक भी रखा था जिसका नाम था थॉमस वाटसन। इसने ग्राहम बेल के
टेलीफोन के अविष्कार में काफी मदद की।
ग्रहण
बेलने, हार्मनी टेलीग्राफ पर काम करना शुरू किया था
जोकि एक प्रकार का डिवाइस था जिससे एक साथ मल्टीपल मैसेज ट्रांसमिट होता था।
उन्होंने
इस पर काफी सुधार किया और फिर उन्होंने एक साधारण सा रिसीवर बनाया जो
इलेक्ट्रिसिटी को साउंड में बदल देता था।
07/07/1876 (सात
मार्च अठारह सौ छिहत्तर) को ग्राहम बेल ने एक पेटेंट फाइल किया !
आपने
अविष्कार के बारे में दुनिया को बताया। इसके बाद उनके पेटेंट को अप्रूवल मिल गया और अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को आधिकारिक
तौर पर टेलीफोन का अविष्कारक माना गया।
लेकिन
ग्राहम बेल के पेटेंट फाइल करने के सिर्फ दो घंटे बाद ही अमेरिका के एलिशा ग्रे भी
पेटेंट फाइल करने के लिए पहुंच गए।
पर
तब तक काफी देर हो चुकी थी। एलिशा ग्रे ने
ग्राहम बेल पर उनकी तकनीक चुराने का इल्जाम भी लगाया।
एक
समय पर ब्रिटेन कार्यालय ने ग्राहम बेल के पेटेंट को रिजेक्ट करना चाहा।
ग्राहम
बेल की कंपनी एटीएंडटी ने इस फैसले को सुप्रीम
कोर्ट में चुनौती दी और इन दोनों का ये मसला कई सालों तक कोर्ट में चलता रहा और
आखिर में कोर्ट ने ग्राहम बेल के हक में फैसला सुनाया।
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